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बाल पत्रिकाएँ: देवपुत्र (अरविन्द कुमार ‘साहू’ जी की कलम से) भाग – 1

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अरविन्द कुमार ‘साहू’

अरविन्द कुमार साहू (Arvind Kumar Sahu): श्री अरविन्द कुमार ‘साहू’ जी का जन्म रायबरेली (उत्तर प्रदेश) में हुआ। अरविन्द जी की शिक्षा फैज़ाबाद एवं प्रतापगढ़ से पूर्ण हुई. हिंदी बाल साहित्य में अरविन्द जी पिछले कई दशकों से कार्यरत और सक्रिय है। उन्हें ‘साहित्यश्री’, प्रेमचंद जयंती सम्मान, बाल साहित्य सम्मान, विशिष्ट प्रतिभा सम्मान, किशोर सम्मान और अन्य कई पुरुस्कारों से नवाज़ा जा चुका है। गज़ल, कहानी, कविताएँ और बाल साहित्य में उनकी विशेष रूचि है। बाल पत्रिकाओं और अख़बारों में उनकी 500 से भी ज्यादा रचनाएँ प्रकाशित है – चंपक, नंदन, बाल भारती, नन्हें सम्राट, पराग, कादंबिनी, जनसत्ता, दैनिक जागरण, ट्रिब्यून ये मात्र बस कुछ नाम है। वें दैनिक समाचार पत्र ‘राष्ट्रीय सहारा’ में संवाददाता रहे, ‘अपूर्व उड़ान’ (बाल मासिक पत्रिका) और ‘जागरण जंक्शन’ में कार्यकारी संपादक रहे, ‘मधुर सरस मासिक’, ‘सारा समय न्यूज’ एवं ‘सुपर इंडिया साप्ताहिक’ में साहित्य संपादक तथा सूरज पॉकेट बुक्स एवं जयविजय (ई पत्रिका) मे सह संपादक रहे। बाल साहित्य में वो निरंतर अपना योगदान दें रहे है.

Bal Patrikayn - Champak, Nandan, Bacchon Ka Desh, Bal Kilkari
बाल पत्रिकाएँ – बाल किलकारी, नंदन, चंपक, बच्चों का देश
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पढ़ें हमारा लेख – बाल पत्रिकाएँ – नंदन और नन्हे सम्राट (Nandan & Nanhe Samrat)

अरविन्द जी की काफी पुस्तकें अमेज़न किंडल पर उपलब्ध है, आप चाहें तो इसे सब्सक्रिप्शन लेकर या किंडल अनलिमिटेड के उपयोगकर्ता बड़े आसानी से पढ़ सकते है –

Arvind Kumar Sahu Books
श्री अरविन्द कुमार ‘साहू’ द्वारा कृत पुस्तकें

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पिछले दिनों जब ‘नंदन’ और ‘नन्हें सम्राट’ नामक बाल पत्रिकाओं को कोरोनाकाल में असमय बंद कर दिया गया तब अरविन्द जी ने सार्वजानिक रूप से अपना खेद प्रकट करते हुए लिखा था की हिंदी ‘बाल साहित्य’ का दायरा वैसे भी सिकुड़ चुका है और ऐसे ख़बरों से इसके क्षेत्र में जो सीमित प्रयास हो रहें है उन्हें भी गहरा धक्का पहुंचा है। इसलिए अपने पाठकों और लोगों की भारी मांग पर अरविन्द जी कुछ बाल पत्रिकाओं की जानकारी ले कर आएं है. अगर आप भी बाल साहित्य के पाठक है और इसे फलता फूलता देखना चाहते है तो यह आलेख आपके लिए ही लिखा गया है.

देवपुत्र (मासिक) पत्रिका [Devputra Monthly Magazine]

चन्दामामा, नंदन और नन्हें सम्राट आदि पत्रिकाओं के बन्द होने से बालसाहित्य के साथ हार्दिक लगाव रखने वाले बहुत से पाठक दुखी हैं। ऐसे बन्धुगण अब शेष बची अच्छी पत्रिकाओं को संरक्षण प्रदान करने/आर्थिक सहयोग करने हेतु उनकी सदस्यता लेने में रुचि दिखा रहे हैं। कई मित्रों ने मुझसे इस बारे में जानकारी साझा करने का विशेष आग्रह भी किया था। अत: इस प्रकार की जानकारी देने के लिये मैने पहली कड़ी में आज ?देवपुत्र? का चयन किया है।

Devputra - Monthly Children Magazine
देवपुत्र मासिक बाल पत्रिका

भारत के इन्दौर शहर से विगत 41 वर्षों से निरन्तर प्रकाशित हो रही देवपुत्र मासिक विश्व की सर्वाधिक प्रसार संख्या (3,71,000 प्रतियों से अधिक) वाली पत्रिका होने का दावा भी करती रही है। अपने नाम के अनुरुप नयी पीढ़ी को देवतुल्य, संस्कारी नागरिक बनाने हेतु 52 रंगीन पृष्ठों में आकर्षक चित्रों से सजी धजी, अनेक विधाओं में उत्कृष्ट रचनाएं उप्लब्ध कराती है। इस माध्यम से बाल पाठकों को शिक्षा व मनोरंजन देने के साथ ही उनमें नीर-क्षीर विवेक, साहस, मानवीय संवेदनाएं, राष्ट्रीयता और देशभक्ति की भावनायें जगाने में यह पत्रिका अग्रणी और उददेश्यपूर्ण है।

संम्पर्क करें सदस्यता के लिए

यह मासिक पत्रिका वर्तमान में डाक द्वारा मुद्रित प्रति के साथ ही डिजिटल PDF रूप में इंटरनेट पर भी उपलब्ध है। इसकी एक प्रति ₹ 20/- वार्षिक ₹180/- और आजीवन मात्र ₹1400/- के शुल्क में उप्लब्ध है। सदस्यता ग्रहण करने हेतु अन्य जानकारी (उपर संलग्न) में देख सकते हैं। इच्छुक पाठकगण निर्दिष्ट विवरण के अनुसार पत्रिका को अपने नाम- पते के साथ सीधे भुगतान भेज सकते हैंं या फोन पर सम्पर्क कर लें, आभार।

Set of 10 Champak Magazines in Hindi

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